शिक्षकों की मांगों को लेकर डूटा का यू जी सी पर प्रदर्शन, तदर्थ शिक्षकों के लिए एकाबारगी समायोजन की मांग

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प्रेस विज्ञप्ति:-दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षकों की लंबित मांगों  को लेकर  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पर  प्रदर्शन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूूटा) के अध्यक्ष प्रो ए के भागी ने कहा कि आज दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कॉलेजों में करीब  साढ़े चार हजार शिक्षक तदर्थ के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षक संघ की मांग है कि केंद्र सरकार एकबारगी समायोजन बिल लाकर लंबे समय से चली आ रही इस समस्या का स्थायी समाधान करे। समायोजन की इस प्रक्रिया में दौ सौ प्वाइंट रोस्टर का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए।

प्रो भागी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के लागू होने से छात्र संख्या में पच्चीस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है लेकिन औपचारिक रूप से जरूरी शैक्षणिक व्यवस्था के लिए आवश्यक शिक्षक पद नहीं दिए गए हैं।इस संबंध में डूटा की मांग है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25% शिक्षक पदों को भी  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तुरंत जारी करे।

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डूटा सचिव  डॉ सुरेंदर सिंह ने यू जी सी से मांग की है कि एमोमली कमेटी की सिफारिशों को यू जी सी तुरंत जारी करे।गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों की सेवा शर्तों संबंधी अनेक विसंगतियां छठे और सातवें वेतनमान में रह गई है। इन समस्याओं के समाधान को लेकर शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे हैं।इसे मद्देनजर रख कर यू जी सी ने एक कमेटी का गठन किया था।

डूटा उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार के अनुसार डूटा इस कमेटी की सिफारिशों को जारी करने की मांग कर रही है। डूटा सचिव डॉ सुरेंदर सिंह ने सरकार से मांग करते हुए प्रोफेसर पद पर प्रमोशन के लिए कॉलेज में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर को पी एच डी की अनिवार्यता से छूट  तथा शोध पत्रों में राहत देने की भी अपील की है। प्रदर्शन में सैंकड़ों की संख्या में शिक्षक शामिल हुए।

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This post was published on July 6, 2022 9:42 am