साहिबाबाद में एआईएमआईएम के अध्यक्ष ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के मुजफ्फरनगर में दंगे भूल गए वाले बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह कोरोना की लहर में गंगा में बहते शव, लखीमपुर में मृत किसान, हाथरस में दलित बेटी, और प्रयागराज में मारे गए नौजवानों के पास जाकर प्रचार करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे साफ पता चलता है कि वे ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं। अखिलेश यादव योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ा हिंदू होने का दिखावा कर रहे हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा कि मीडिया से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी से ज्यादा उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रत्याशियों में 30 फीसदी विधायक दागी हैं। गृह राज्यमंत्री अजय टेनी समेत भाजपा के 100 में से 30 फीसदी उम्मीदवारों पर केस दर्ज हैं। पार्टी और सरकार पहले उनके बारे में बताए। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता तय करेगी कि मुख्यमंत्री किसे बनाना है।
उन्होंने सपा गठबंधन के एक नेता के हवाले से कहा कि उनकी पार्टी ने 45 फीसदी मुस्लिम नेताओं के टिकट काट दिए। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय किसी का कैदी नहीं है और अब विकल्प के तौर पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी खड़े हैं। ओवैसी ने साहिबाबाद में प्रत्याशी मनमोहन झा गामा के समर्थन में डोर-टू-डोर कैंपेन किया और लोगों से वोट करने के लिए अपील की।
असदुद्दीन ओवैसी रविवार को दोपहर के लगभग डेढ़ बजे शहीद नगर पहुंचे, वहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने लोगों से उनकी पार्टी के प्रत्याशी मनमोहन झा गामा को वोट देने की अपील की। लोगों ने उनके स्वागत में छतों से गुलाब के फूलों बरसाए। मनमोहन गामा को जान से मारने की धमकी के बावजूद सुरक्षा नहीं देने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लॉ एंड आर्डर की यही स्थिति है। जहां जान से मारने की धमकी मिलने के बाद भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जाती।
This post was published on February 2, 2022 12:53 am