डीएमके के सदस्यों ने तमिलनाडु को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) से बाहर रखने के मुद्दे पर चर्चा के प्रस्ताव को अस्वीकार किये जाने के खिलाफ शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा किया और मांग स्वीकार न किये जाने पर, सदन से वॉक आउट किया। उनके समर्थन में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भी वॉक आउट किया।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में दस्तावेज पेश होते ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करनी चाही। डीएमके के नेता त्रिवची शिवा ने तमिलनाडु में नीट से को खत्म करने का मुद्दा उठाया। सभापति ने कहा कि यह केंद्र और संसद से जुड़ा मुद्दा नहीं है इसलिए उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने के लिए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नदीमुल का नाम पुकारा।
इस बीच डीएमके के सदस्यों ने अपनी मांग पर जोर-शोर से बोलना शुरू कर दिया। कुछ सदस्य चेयर के पास आ कर बोलने लगे। नायडू ने कहा कि डीएमके के सदस्यों द्वारा कही गई कोई भी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी।
उन्होंने सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने की अपील की और कहा कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बहस के दौरान तमिलनाडु में नीट के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा न तो एजेंडे में है और न ही संसद के समक्ष। इस बीच, शोरगुल के बीच शून्यकाल की कार्यवाही चलती रही।
डीएमके के सदस्यों ने उनकी मांग न माने जाने का विरोध करते हुए वॉक आउट किया और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भी उनके समर्थन में सदन से वॉक आउट किया।
नायडू ने बाद में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में अभी तक अच्छे ढंग से कार्यवाही चल रही थी। उन्होंने कहा कि यह सदन नियमों से चलता है और उन्होंने स्थगन के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। यह राज्य का विषय है।
गौरतलब है कि डीएमके के सदस्य तमिलनाडु के राज्यपाल की तरफ से राज्य को नीट की परीक्षा से बाहर रखे जाने से संबंधित बिल को वापिस किये जाने का विरोध कर रहे हैं। राज्य विधानसभा ने तमिलनाडु को नीट परीक्षा से बाहर रखने के लिए एक विधेयक पास करके राज्यपाल को भेजा था, लेकिन उन्होंने इसे राष्ट्रपति को भेजने के बजाय वापस कर दिया। डीएमके के सदस्यों ने गुरुवार को लोकसभा में भी इस मुद्दे पर हंगामा किया था।
This post was published on February 4, 2022 8:16 am