July 26, 2024
समायोजन समर्थन और विस्थापन

समायोजन समर्थन और विस्थापन विरोध में डी यू में डूटा का पैदल मार्च और प्रदर्शन

Share on

प्रेस विज्ञप्ति:-दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने समायोजन समर्थन, विस्थापन विरोध, ग्रांट और अन्य शिक्षक मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल का आह्वान किया था। हड़ताल के तीसरे सैंकडों शिक्षकों ने डूटा के बैनर और झंडे लेकर हंसराज कॉलेज से डी यू गेट नंबर एक तक पैदल मार्च प्रदर्शन किया।हड़ताल के तीसरे दिन भी विश्वविद्यालय में कक्षाएं एवं प्रशासनिक कार्य ठप्प रहाIदिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने तीन दिन लगातार क्रमश जंतर मंतर, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय में धरना, मार्च और प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि डी यू में कई वर्ष के लंबे इंतजार के बाद स्थाई नियुक्ति के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू हुई है। इस प्रक्रिया में में लंबे समय से कार्यरत कई तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन के विरोध में डूटा निरंतर आवाज उठा रहा है। डूटा अध्यक्ष प्रो अजय कुमार भागी का कहना है कि डूटा जीरो विस्थापन के हक में है और अभी तक जो तदर्थ शिक्षक विस्थापित हुए उनको जल्द ही पुंर्स्थापित किया जाना चाहिए।

 

डूटा अध्यक्ष प्रो ए के भागी ने विरोध मार्च में हिस्सेदारी कर रहे शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि तदर्थ एवं अस्थायी शिक्षकों का विस्थापन अत्यंत कष्टदायक है, क्योंकि यह शिक्षकों के जीवन एवं रोजी-रोटी का सवाल हैI शिक्षकों का विस्थापन उनकी योग्यता और वर्षों तक विश्वविद्यालय को दिए गए योगदान की अवहेलना करना है । प्रो भागी ने बताया कि साक्षात्कार प्रक्रिया में शून्य विस्थापन की नीति को अपनाते हुए कॉलेजों में पढ़ा रहे तदर्थ व अस्थायी शिक्षकों को नियमित किया जाएI डूटा विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी तदर्थ/अस्थायी शिक्षकों के हित और सम्मान को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग है कि सभी तदर्थ/अस्थायी शिक्षकों का 200 प्वाइंट रोस्टर का पालन करते हुए एकबारगी अध्यादेश के माध्यम से समायोजन किया जाए I

दिल्ली सरकार वित्तपोषित कॉलेजों में ग्रांट-कट के विरोध में मुख्यमंत्री आवास पर ड़ूटा का धरना

प्रो भागी ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार से तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के लिए दौ सौ प्वाइंट रोस्टर के अनुसार एकबारगी समायोजन हेतु विधेयक की मांग की गई। शिक्षक हित में ई डब्ल्यू एस की सीटें जल्द मिलें और एनोमली कमेटी की सिफारिशें अविलंब लागू हों ।डूटा की मांग है कि डीयू प्रशासन शिक्षा मंत्रालय को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से बढ़ी 25 प्रतिशत सीटें लेने के लिए सभी कॉलेजों की ई डब्ल्यू एस सूची जल्द से जल्द भेजेंI यू जी सी से मांग की गई है कि एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर को पी एच डी तथा शोध पत्रों में छूट दी जाए। डूटा के लिए पुरानी पेंशन योजना को पुन लागू करने का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है।

 

प्रो भागी ने कहा कि हड़ताल में एक मुख्य मुद्दा दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों में चल रहे आर्थिक संकट का भी है। पिछले कई वर्षों से दिल्ली सरकार अनियमित और अपर्याप्त ग्रांट जारी कर रही है जिसके कारण शिक्षक और कर्मचारियों को समय पर वेतन और अन्य भत्ते नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों में प्रबन्ध समितियां के अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप से अकादमिक वातावरण प्रभावित हो रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय को तुरन्त इस का संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अकादमिक प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।डूटा ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि समय पर पर्याप्त ग्रांट जारी की जाए और शिक्षक पदों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार इन पदों को शीघ्र संस्तुति प्रदान करे।

 

डूटा सचिव डा सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जो तदर्थ शिक्षक साथी साक्षात्कार प्रक्रिया में बाहर हो गए हैं उनके लिए विश्वविद्यालय को विशेष तदर्थ शिक्षक भर्ती की शुरुआत करनी चाहिएI कॉलेज ऑफ़ आर्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन लिया जाए। डी यू प्रशासन से ज्ञापन देकर कहा गया है कि डी यू सभी कॉलेजों को निर्देश जारी करे कि ओ बी सी सैकिंड ट्रेंच के पदों को सब कॉलेज अपने रोस्टर में अवश्य शामिल करें। डूटा का पैदल मार्च हंसराज कॉलेज से शुरू होकर किरोड़ीमल, रामजस, दौलतराम, श्रीराम, खालसा कॉलेज होते हुए डी यू गेट न 1 तक पहुँचाI पैदल मार्च और प्रदर्शन के बाद प्रोफेसर ए के भागी के नेतृत्व में डूटा के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मुलाक़ात की और अपनी मांगों का ज्ञापन उनको सौंपाI