प्रेस विज्ञप्ति:-शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार की 12 कॉलेजों के प्रति अनदेखी एवं अमानवीय बर्ताव के खिलाफ प्रो ए के भागी के नेतृत्व में डूटा प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर हस्तक्षेप की मांग की।
दिल्ली सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज पिछले कई वर्षों से अपर्याप्त ग्रांट और अनियमित वेतन की समस्या से त्रस्त है। दिल्ली सरकार से समुचित ग्रांट ना मिलने के चलते इन 12 कॉलेजों के शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की सैलरी, 7वें पे कमिशन का एरियर, प्रमोशन का एरियर, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है। चिल्ड्रन एडुकेशन अलाउंस का पैसा भी पिछले 2 वर्षों से अटका हुआ है। साथ ही 16 कॉलेजों की भी 5 प्रतिशत ग्रांट दिल्ली सरकार ने अभी तक जारी नही की हैं।
आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया
डूटा अध्यक्ष प्रो ए के भागी का कहना है कि – “पिछले 16 जुलाई को भी डूटा के प्रतिनिधि दल ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की थी। उपराज्यपाल के दखल के बाद दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने जो पत्र जारी किया वो भ्रमित करने वाला था। पत्र में दिल्ली सरकार ने ग्रांट की दो किस्तें जारी करने की बात कही है। जबकि कॉलेजों को मिला ग्रांट सैलरी के लिए भी पर्याप्त नहीं है। कई कॉलेजों में पिछले दो से तीन महीने की सैलरी का भुगतान नहीं हो पाया है।
दिल्ली सरकार की इन कॉलेजों के प्रति अनदेखी के चलते कॉलेजों में छात्राओं के लिए टॉयलेट, गर्ल्स कॉमन रूम जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी आभाव है। कॉलेजों की बिल्डिंग जर्जर हालात में है। 12 कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षक की पोस्ट की अप्रूवल के बिना इन शिक्षकों का कैरियर अधर में लटका हुआ है।”
डूटा सचिव डॉ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि – “दिल्ली सरकार ने कॉलेज ऑफ आर्ट्स का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है। कॉलेज को अम्बेडकर विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के रूप में बदल दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित इन प्रतिष्ठित संस्थाओं को दिल्ली सरकार राज्य विश्विद्यालयों का विभाग बनाकर इनकी प्रतिष्ठा को खत्म करना चाहती है।”
डूटा प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों की सैलरी नियमित जारी करने, वर्षों से अटका एरियर का पैसा देने, 12 कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों की सीटें को अप्रूवल देने,ईडब्ल्यूएस की 25 प्रतिशत सीटें जारी करने हेतु उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से हस्तक्षेप करने की मांग की।
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