November 5, 2024
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चौथे चरण के अहम चेहरे, जानिए कौन कहाँ से है मैदान में

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए 9 जिलों की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है. इस समय जहां योगी सरकार के कई मंत्री मैदान में हैं, वहीं लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर क्षेत्र में तनाव का असर भी साफ है. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें भाजपा ने जीती थी और एक सीट उनकी गठबंधन पार्टी को मिली थी. समाजवादी पार्टी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार बीजेपी के सामने 2017 के नतीजे दोहराने की चुनौती है.

इस चरण में पीली भीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा, फतेहपुर के 9 जिलों की 60 विधानसभा सीटों के लिए 624 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 91 महिलाएं हैं. इस चरण में 2.13 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिनमे 1.14 करोड़ पुरुष और 99.3 लाख महिला मतदाता हैं। जबकि 966 थर्ड जेंडर वोटर हैं।

अब बात करते हैं इस चरण के अहम चेहरों की. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चौथे चरण में योगी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के हाई प्रोफाइल नेताओं की प्रतिष्ठा भी इस समय दांव पर है।

इसी तरह योगी सरकार में वरिष्ठ मंत्री बृजेश पाठक लखनऊ छावनी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस समय सभी की निगाहें लखनऊ के सरोजिनी नगर पर टिकी हैं। भाजपा ने यहां से मौजूदा विधायक स्वाति सिंह का टिकट काट कर ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा और कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह उर्फ ​​बबलू सिंह को मैदान में उतारा है. बसपा ने यहां से जलिस खान को टिकट दिया है।

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फतेहपुर जिले की हुसैनगंज सीट से योगी सरकार में राज्य मंत्री रविंदर प्रताप सिंह उर्फ ​​धनी सिंह मैदान में हैं. यहां से समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री मुन्ना लाल मोरिया की पत्नी ऊषा मोरिया को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने शिवकांत तिवारी को मैदान में उतारा है. फतेहपुर की बंदकी सीट पर अपना दल (एस) के योगी सरकार में मंत्री रहे जे कुमार सिंह जैकी लड़ रहे हैं. इससे पहले उन्होंने फतेहपुर की जहानाबाद सीट से चुनाव जीता था और उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में कांग्रेस के किले राय बरेली की पांचों सीटों पर मतदान हो रहा है. सभी की निगाहें रायबरेली सदर से कांग्रेस की बागी अदिति सिंह पर हैं, जो भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं। अदिति के सामने कांग्रेस के मनीष सिंह चौहान हैं तो समाजवादी पार्टी ने आरपी यादव को टिकट दिया है. इसके अलावा सबकी निगाह यहां की ऊंचाहार सीट पर भी होगी जहां से समाजवादी पार्टी के मनोज पांडे हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं. बीजेपी ने यहां अमरपाल मोरिया को उतारा है. कांग्रेस ने बीजेपी के बागी अतुल सिंह को मैदान में उतारा है. इसके अलावा इस चरण में भाजपा ने नरेश अग्रवाल के पुत्र नितिन अग्रवाल को हरदोई सदर सीट से मैदान में उतारा है।

कुल मिलाकर साफ है कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों पर गठबंधन समेत 52 सीटें जीतने वाली बीजेपी के लिए इस बार अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराना मुश्किल है. ऐसा इसलिए है क्योंकि चौथे चरण में ही किसानों की हत्या के बाद गरमाये लखीमपुर खीरी, पीली भीत समेत एक दलित लड़की से दुष्कर्म और हत्या के बाद सुर्ख़ियों में आये उन्नाव में भी चुनाव होना है. चौथे चरण में आवारा पशुओं से होने वाली समस्याओं का मुद्दा भी गरमा गया है. ऐसे में अगर नुकसान बहुत बड़ा हुआ, तो बीजेपी शायद ही आगे उसकी भरपाई कर पाएगी. इसलिए भाजपा के लिए चौथा चरण एक तरह से करो या मरो वाला चरण है।