By:- ऋतिक, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज
गुरुवार 10 मार्च 2022 को वजीराबाद रोड स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज में हिंदी विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की स्थिति पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के विशिष्ट अथिति जर्मनी में रेडियो डॉयचे वेले में कार्यरत अशोक कुमार रहे।
कार्यक्रम के दौरान डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आर. एन. दुबे ने कहा कि मैं खुश हूं, आज मैं इंग्लिश के भार तले नहीं दबा हूं। उन्मुक्त और स्वतंत्र होकर हिंदी बोल सकता हूं। धीरे-धीरे हिंदी विश्व स्तर की भाषा बनती जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी के बिना भारतीय संस्कृति को प्रकट करना असंभव है। आज, लोगों का रुझान हिंदी भाषा की तरफ बढ़ रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और जर्मनी में रेडियो डॉयचे वेले में कार्यरत अशोक कुमार ने अपने संबोधन में कहा, कि बॉलीवुड और प्रिंट मीडिया ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई है। कुछ देशों में हिंदी सिर्फ बॉलीवुड के जरिए ही पहुंच रही है। लोग बहुत कम हिंदी बोलते है , यह कही न कही चिंता का विषय है। विदेश में लोग हिंदी को बॉलीवुड के माध्यम से सुन कर अपना रहे है।हमें हिन्दी का मानकीकरण करने की आवश्यकता है। हिंदी भाषा के अनुवाद पर काम करने की ज़रुरत है। अगर हम अपनी कमियों में सुधार करेंगे तो संभव है ,संयुक्त संघ में हिन्दी भाषा को भी प्रमुख स्थान मिले।
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कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए प्रोफेसर वेद प्रकाश सिंह ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि विदेश के लोग भारत की संस्कृति से इतना प्रेम करते हैं, कि भारत का नाम सुनते ही उनके जहन में हिंदी गूंजने लगती है। हिंदी की सारी शैलियां गिन पाना बहुत मुश्किल बात है। आज किसी न किसी रूप में हिंदी का मन, जन जन तक पहुंच रहा है। व्यापार की दृष्टि में भी आज हिंदी भाषा की बेहतर तस्वीर बन रही है।
डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान डा रामप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि हिंदी की तस्वीर बेहतर हो रही है और लोग इसे पसंद कर रहे है। अगर आज हम अपनी राजनैतिक इच्छा शक्ति और ताकत को बढ़ाएंगे तो संयुक्त राष्ट्र संघ तक हिंदी पहुंचना कोई बड़ी बात नहीं है। अगर हम हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रेरित करेंगे तो हमेशा हिंदी का आदर बढ़ेगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ महावीर वत्स ने किया और कार्यक्रम के समापन पर डॉ नीरव ने कार्यक्रम से जुड़े सभी अथितियों और छात्रों का आभार और धन्यवाद प्रकट किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ चित्रा रानी, डॉ दिलजीत कौर, डॉ संजय शर्मा, डॉ नरेंद्र भारती, डॉ मोनिका, डॉ विनीत कुमार, डॉ बिजेंद्र कुमार, डॉ प्रवीण, डॉ राकेश, डॉ शशि रानी, डॉ कुसुम, डॉ रामप्रकाश सहित कई अन्य शिक्षक और वद्यार्थी उपस्थित रहे।
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