यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में रूसी बमबारी हुई है. आज सुबह हुए हमलों में सिटी सेंटर में सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाया गया है।
यूक्रेन के सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया है कि एक मिसाइल राज्य प्रशासन की इमारत के सामने आकर गिरी, जिसकी वजह से आस-पास की इमारतों, खिड़कियों और गाड़ियों के शीशे टूट गए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने खार्किव में रूसी बमबारी की वजह से दर्जनों नागरिकों की मौत को “युद्ध अपराध” कहा है। व्लादिमीर ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस ने सोमवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर में नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया है, और इसके चश्मदीद मौजूद हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों से मांग की है कि यूक्रेन पर एक नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित कर दिया जाये। संयुक्त राज्य अमेरिका अभी तक इस मांग को स्वीकार करने के लिए कतराता रहा है, क्योंकि इससे अमेरिका का रूस के साथ सीधा टकराव होने का खतरा हो सकता है।
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एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित मानवाधिकार करने वाले समूहों ने भी ये चिंता व्यक्त की है कि यूक्रेन (खार्किव में रूसी बमबारी) में हमले के दौरान युद्ध अपराधों की संभावना है।
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय इन आरोपों की जांच करना चाहता है। ICC के चीफ प्रोसिक्यूटर करीम खान ने सोमवार की शाम को कहा है कि इस बात का “प्रयाप्त आधार” है कि यूक्रेन में मानवता के खिलाफ अपराध या युद्ध अपराध हुए हैं।
करीम खान के अनुसार, जांच के दौरान हालिया रूसी हमले के साथ-साथ, 2014 के रूसी हमले में हुए मानवाधिकारों के उल्लंघनों को भी देखा जायेगा। चीफ़ प्रोसिक्यूटर को जांच शुरू करने के लिए आईसीसी न्यायाधीशों की अनुमति की आवश्यकता होती है और वर्तमान में उन्होंने अपनी टीम को सबूत इकट्ठा करने का काम सौंपा है।
न तो रूस और न ही यूक्रेन अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का सदस्य है, लेकिन यूक्रेन इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मान्यता देता है।
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