July 26, 2024
मुस्लिम युवक की हत्या

एनआरसी आंदोलन में शामिल अनीस खान के बाद, पश्चिम बंगाल में एक और मुस्लिम युवक की हत्या

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छात्र नेता अनीस खान की हत्या के बाद, पश्चिम बंगाल में एक और मुस्लिम युवक की हत्या की खबर आ रही है। एक तरफ हावड़ा के अमता थाना क्षेत्र में कथित तौर पर पुलिस द्वारा एनआरसी और अन्य आंदोलन में शामिल रहे छात्र नेता अनीस खान की हत्या को लेकर बंगाल में राजनीति चल रही है. दूसरी तरफ एक अन्य मुस्लिम युवक की हत्या की जांच कर रही पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। इस युवक का नाम महराब अली है।

सूत्रों के अनुसार हावड़ा के अमता थाना क्षेत्र के काठगढ़ निवासी महराब अली के परिवार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और अपील की है कि उनके 31 वर्षीय बेटे महराब अली की हत्या की जांच सीबीआई से कराई जाए। महराब की 23 फरवरी को हत्या कर दी गई थी।

परिवार का आरोप है कि महराब अली की हत्या तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने की थी. ध्यान रहे कि 23 फरवरी को हुए बम विस्फोट में महराब अली की मौत हुई थी. परिवार का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें जबरन उठा लिया और उनके घर की छत पर बम रख दिया, जिससे विस्फोट में उनकी मौत हो गई. युवक के परिवार का दावा है कि उनकी हत्या की गई है।

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अनीस खान की हत्या को लेकर बंगाल पुलिस के खिलाफ पहले से ही भारी आक्रोश है। ममता बनर्जी के निर्देश पर गठित की गई एसआईटी ने दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद अब तक कोई बड़ी प्रगति नहीं की है।

छात्र नेता की हत्या को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, ऐसे में एक और मुस्लिम युवक की हत्या सरकार और पुलिस दोनों के लिए मुसीबत बन सकती है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस घटना को छिपाने का प्रयास कर रही है। घटना के एक सप्ताह बाद भी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। इस वजह से उनका पुलिस पर से विश्वास उठ गया है। महराब के परिवार ने घटना की तत्काल सीबीआई जांच की मांग की है।

गौतरतलब है कि पुलिस पर आरोप है कि 18 फरवरी को शुक्रवार की रात अनीस के घर में चार लोग जबरन घुसे, जिसमे से एक पुलिस अधिकारी के वेश में था और अनीस को घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया, जिसमें अनीस की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलने पर भी अमता पुलिस थाने ने कार्रवाई नहीं की। पुलिस देर से पहुंची।

पहले तो अमता थाना पुलिस ने अनीस के घर किसी भी पुलिस अधिकारी के जाने की बात से इनकार किया था, लेकिन बाद में एक होमगार्ड और एक कांस्टेबल सहित दो लोगों ने स्वीकार किया कि वह अमता थाने के ओसी के निर्देश पर अनीस के घर गए थे। क्योंकि अभी तक ओसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए परिवार को एसआईटी जांच पर यक़ीन नहीं है और परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर अनीस के शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया है।