बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार और भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले गायक Bappi Lahiri का बुधवार को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे।
इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि बप्पी लहरी एक महीने से अस्पताल में थे और सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत दोबारा बिगड़ गई और उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बप्पी लहरी कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे। ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण आधी रात से पहले ही उनका निधन हो गया।
Bappi Lahiri को भारत में “डिस्को किंग” के रूप में जाना जाता है, उनका जन्म पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में साल 1952 में शास्त्रीय संगीत के समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने 19 साल की कम उम्र में संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उनकी मां, बंसारी लहरी एक संगीतकार और गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं और उनके पिता, अपरेश लहरी मशहूर बंगाली गायक थे।
उन्हें गाना गाने का पहला अवसर बंगाली फिल्म, दादू (1972) में मिला था। हालांकि हिंदी फिल्मों में उन्होंने अपनी जगह (1973) में आई फिल्म नन्हा शिकारी से बनानी शुरू की। (1975) में आई ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म, ज़ख्मी से उन्होंने बॉलीवुड में खुदको स्थापित किया और एक पार्श्व गायक के रूप में पहचान बनाई।
बप्पी दा ने हाल ही में आयुष्मान खुराना और जितेंद्र कुमार अभिनीत ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के लिए अपने हिट गाने ‘यार बिना चैन कहां रे’ को ‘अरे प्यार कर ले’ शीर्षक से रीमिक्स किया है। यह गीत मूल रूप से अनिल गांगुली की साहेब में अनिल कपूर और अमृता सिंह पर फिल्माया गया था।
बॉलीवुड में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले Bappi Lahiri ही हैं. उन्होंने 70 और 80 के दशक के अंत में ‘चलते चलते’, ‘डिस्को डांसर’, ‘नमक हलाल’, ‘डांस डांस’ और ‘शराबी’ जैसी कई फिल्मों में लोकप्रिय गाने गाए। उनका आखिरी बॉलीवुड गाना भंक्स था जिसे उन्होंने 2020 में रिलीज़ा हुई फिल्म ‘बागी 3’ के लिए गाया था.
एक्टर दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत, लाल क़िले पर हुई हिंसा में थे आरोपी
More Stories
दिल्ली विश्विद्यालय में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन के विरोध में डूटा का प्रर्दशन
समायोजन समर्थन और विस्थापन विरोध में डी यू में डूटा का पैदल मार्च और प्रदर्शन
दिल्ली सरकार वित्तपोषित कॉलेजों में ग्रांट-कट के विरोध में मुख्यमंत्री आवास पर ड़ूटा का धरना