July 27, 2024
यूक्रेन-रूस संकट

यूक्रेन-रूस संकट का भारत भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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यूक्रेन-रूस संकट के बीच जारी सीमा तनाव के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है.

यूक्रेन-रूस संकट की वजह से यूक्रेन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर मंगलवार को तेल की कीमतों में तेजी आई. न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में मार्च में डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 1.28, डॉलर या 1.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 92.35 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है.

डाउ जोंस बाजार के आंकड़ों के अनुसार, लंदन आईसीई फ्यूचर्स एक्सचेंज में अप्रैल की डिलीवरी के लिए ब्रेंट क्रूड की क़ीमत 1.45 डॉलर या 1.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 96.84 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क का पहले महीने का समझौता 29 सितंबर, 2014 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में डोनबास के दो स्व-घोषित क्षेत्रों, लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) को दो स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने के एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं.

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कॉमर्स बैंक रिसर्च के एक ऊर्जा विश्लेषक कार्स्टन फ्रिट्ज ने मंगलवार को एक नोट में कहा कि “यह यूक्रेन-रूस (यूक्रेन-रूस संकट) संघर्ष के बढ़ने का एक स्पष्ट संकेत है और संभव है कि इसकी प्रतिक्रिया पश्चिम की तरफ से प्रतिबंधों के रूप में दी जाएगी. इसमें रूस की तेल और गैस आपूर्ति में व्यवधान का खतरा पैदा हो गया है.”

यह भी गौर तालाब है कि देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहे हैं और और चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल घूम रहा है कि क्या चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे?

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का डर इस वजह से है कि देश में जब भी चुनाव होते हैं, तो नतीजे आने के बाद तेल के दाम बढ़ जाते हैं. इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि 10 मार्च के बाद देश में तेल की कीमतों में वृद्धि दर्ज की जा सकती है!